डाइट

पौष्टिक आहार यानि सुखी जीवन का आधार

हम लोग अपने दैनिक जीवन चर्या में विभिन्न खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। लेकिन, वे पदार्थ जो शरीर में ग्रहण किए जाने के बाद ऊर्जा उत्पन्न करते हों, पुराने तथा टूटे-फूटे ऊतकों की मरम्मत तथा नए तंतुओं का निर्माण करते हों, शारीरिक क्रियाओं पर नियंत्रण रखने तथा शरीर के लिए आवश्यक यौगिकों के बनाने में सहयोग प्रदान करते हों, पौष्टिक आहार कहलाते हैं। पौष्टिक आहार से शरीर शक्ति प्राप्त करता है, शरीर की वृद्धि व विकास होता है, मानसिक क्षमता बढ़ती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होता है। पौष्टिक आहारों में यह 6 पौष्टिक तत्व सम्मिलित होते हैं- प्रोटीन (Protein), कार्बोज अथवा कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates), वसा (Fat and Oils), विटामिन (Vitamin) खनिज लवण (Minerals Salts) तथा पानी (Water)।

पौष्टिक आहार के लाभ-

1. शरीर सुविकसित एवं सुसंगठित होता है।

2. आयु व लंबाई के अनुसार शारीरिक विकास होता है।

3. सुदृढ, सुविकसित एवं सुसंगठित मांसपेशियों का निर्माण होता है।

4. त्वचा स्वस्थ व कांतिमय बनती है।

5. चिकने, चमकीले तथा घने मजबूत बाल विकसित होते हैं।

6. नेत्र स्वस्थ, आशावादी तथा चमक युक्त कांतिमान नेत्र बनते हैं।

7. गहरी, निश्चिंत, बिना टूटने वाली और स्वप्नरहित नींद आती है।

8. दांत चमकदार, जबड़ों में जकड़े हुए तथा खाने-चबाने के लिए उपयुक्त होते हैं तथा जबड़े गुलाबी एवं मजबूत बनते हैं।

9. श्लेष्मिक झिल्ली गुलाबी रंग की बनती है।

10. सीधा शरीर, तना हुआ सिर, उठा हुआ सीना, सपाट कंधे, पेट अंदर तथा उत्तम आसन स्थिति बनती है।

11. पाचन संस्थान ठीक प्रकार से कार्य करता है तथा भूख भी सही और समय पर लगती है।

12. शरीर चुस्त-दुरुस्त, फुर्तीला तथा अथक कार्य करने की क्षमता वाला बनता है।

13. स्वभाव आशावादी और सकारात्मक बनता है तथा क्रोध व चिड़चिड़ाहट से बचाव होता है।

14. मल-मूत्र एवं अन्य अनावश्यक व हानिकारक पदार्थों का उचित निष्कासन होता है।

15. रोग प्रतिरोधक क्षमता का पर्याप्त रूप से विकास होता है।

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