हमारी सेहत – हमारी जिम्मेदारी

वर्तमान समय में पेशेवर जीवन शैली के कारण मनुष्य प्राकृतिक व्यवस्थाओं से इतर कृत्रिम साधनों में उलझ कर रह गया है। दिन-रात की भाग दौड़ व अनियमित खान-पान के कारण बीमारियां ज्यादा और आयु कम होती जा रही है। हम में से अधिकांश लोग बचपन में पढ़ाया गया स्लोगन “हेल्थ इज वेल्थ” को भूलकर केवल वेल्थ के लिए ही अंधाधुंध शारीरिक व मानसिक परिश्रम में लगे रहते हैं। ऐसे में युवावस्था के कुछ वर्षों बाद ही हमारी शारीरिक ऊर्जा व रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। ऐसे समय में अपनी सेहत को ठीक रखने की जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है।

1. नियमित दिनचर्या-

हम अपने रोजमर्रा के कार्यों के लिए एक रूटीन तय करके उसका पालन करें। सुनिश्चित दिनचर्या से हमारा मानसिक विकास बेहतर होता है और तनाव भी घटता है। दिनचर्या में खाना खाना, घर के काम, ऑफिस या बाहर के काम, बच्चों की पढ़ाई में सहायता, आसन, व्यायाम आदि सभी के लिए कुछ समय जरूर निकलना चाहिए।

2. पौष्टिक आहार-

स्वास्थ्यवर्धक भोजन हमारी दिनचर्या का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। भोजन कम घी, तेल में पकाएं। ज्यादा से ज्यादा सब्जी और फल खाएं। चीनी युक्त पेय पदार्थों के सेवन के बजाय अधिक से अधिक पानी पिएं। अनियमित व असमय भोजन करने से बचें, जिसके कारण स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अगर नॉनवेज खाते हैं तो ज्यादा फैट वाले मीट के बजाय सीफूड खाएं।

3. योग / व्यायाम-

कोरोना काल में यदि टहलने, घूमने या जिम करने के लिए बाहर नहीं जा पा रहे हैं, तो घर के अंदर ही शारीरिक गतिविधियों को सक्रियता से जारी रखें। एक ही जगह पर खड़े-खड़े उछलना, दंड बैठक, हाथ व पैर के व्यायाम, पुशअप्स, योगासन, प्राणायाम आदि को घर के अंदर ही बहुत सरलता से किया जा सकता है। घर में या छत पर कुछ देर टहलने का भी रूटीन बनाएं।

4. अच्छी नींद-

नींद की कमी से आपकी बहुत से शारीरिक व मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। दिन भर की थकान से आराम के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। अगर आप रात को पूरी नींद लेते हैं तो इससे अगले दिन आपकी सीखने की क्षमता, मूड, याददाश्त और हृदय का स्वास्थ्य आदि बेहतर होगा और साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होगा।

5. मनोरंजन-

दैनिक दिनचर्या में कुछ समय मनोरंजन व आनंद के लिए भी अवश्य निकालें। बच्चों के साथ खेलकूद, घर में इनडोर गेम्स, टीवी, गाने, परिवार के साथ हंसी-मजाक आदि सरल साधनों से भी आप अपने व्यवसायिक तनाव को कम करके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। डांसिंग, सिंगिंग, एक्टिंग आदि हॉबी को भी जरूर पूरा करना चाहिए।

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