जीवन शैली

कैसे करें, बच्चों का तेजी से मानसिक विकास

आजकल के आधुनिक व प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में हर कोई अपने बच्चों को स्मार्ट और एक्टिव बनाना चाहता है। लेकिन, बच्चों की क्षमताओं को अच्छी तरह से विकसित करना पूरी तरह से उनके माता-पिता व अभिभावकों के प्रयासों पर निर्भर करता है। हर बच्चा बचपन से ही कुछ ना कुछ सीखने के लिए तैयार होता है। ऐसे में उसके मानसिक विकास की बेहतरी के लिए कुछ आसान उपाय अपनाकर उसकी योग्यता, प्रतिभा और क्षमताओं को निखारा जा सकता है-

1. माता पिता का बच्चों के साथ हेल्थी व स्ट्रांग रिलेशन-

बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत और विकसित बनाने के लिए माता पिता का बच्चों के साथ हेल्थी व स्ट्रांग रिलेशन होना बहुत जरूरी है। जिन बच्चों के माता-पिता उनके साथ खेलते हैं, बातें करते हैं, घूमते हैं, समय बिताते हैं, ऐसे बच्चों की समझ तेजी से बढ़ती है। जबकि, ऐसा नहीं होने पर माता-पिता से बच्चों की आत्मीयता नहीं बन पाती है और उनका भावनात्मक विकास ठीक से नहीं हो पाता है। अपने बच्चों से स्वस्थ, मजबूत और प्यार भरा रिश्ता रखते हुए उनकी बातों को ध्यान से सुनिए और समझने की कोशिश कीजिए कि वह क्या कहना चाह रहे हैं। बच्चों के साथ विभिन्न रचनात्मक गतिविधियां करते रहना भी बहुत आवश्यक है।

2. बच्चों के प्रति स्नेह और ध्यान-

बच्चों को अपने माता-पिता के स्नेह (Affection) और ध्यान (Attention) की बहुत जरूरत पड़ती है। जब आपके साथ उनको सुरक्षा और अपनेपन का एहसास होता है, तब बच्चों का दिमाग और तेजी से विकसित होता है।

3. पौष्टिक आहार-

बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए पौष्टिक, संतुलित व रुचिपूर्ण आहार बेहद महत्वपूर्ण पहलू है। सुबह हेल्दी ब्रेकफास्ट उनको दिन भर के लिए एनर्जी प्रदान करता है। उनके आहार में एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा-3 से भरपूर तत्व अवश्य होने चाहिए। एंटी ऑक्सीडेंट से मेमोरी शार्प होती है और ओमेगा-3 से अनुभूति (Cognition) बेहतर होता है। अनुभूति से एकाग्रता (Attention), निर्णय लेने की क्षमता (Decision Power), भाषा कौशल (Language Skills) और समस्या निस्तारण (Problem Solving Skills) आदि क्षमताओं का विकास होता है।

4. सांकेतिक भाषा का प्रयोग-

बच्चों को अपनी बात समझाने के लिए बोलने के साथ-साथ सांकेतिक भाषा का भी प्रयोग करना चाहिए। इशारों को समझ कर व उनका पालन करने वाले बच्चों का आईक्यू लेवल भी ज्यादा होता है और वह बोलना भी तेजी से सीखते हैं। इसीलिए बच्चों के दिमाग को त्वरित रूप से विकसित करने के लिए माता-पिता को बच्चों के साथ पूरी तरह Involve होकर Hand Signals या Quick Sign Language) का प्रयोग भी करना चाहिए।

5. कहानियां सुनाना-

वास्तव में कहानियां सुनने का बच्चों के मन पर बहुत अच्छा और गहरा असर पड़ता है। हर रात सोने से पहले बिस्तर पर लेटते समय बच्चों को कहानी जरूर सुनाएं। रोज कहानी सुनने वाले बच्चों का मानसिक विकास बहुत तेजी से होता है और उन्हें कहानी के दौरान सुनने से समस्याओं के समाधान की क्षमता बढ़ जाती है। बच्चे की भाषा, शब्दावली तथा सोचने समझने की शक्ति का विकास होता है। साथ ही रोज कहानी सुनने-सुनाने से माता पिता और बच्चे के बीच का रिश्ता भी और प्रगाढ़ होता जाता है।

6. संगीत व कविताएं-

हर आयु वर्ग के बच्चों को संगीत (Music) सुनना, गाने गुनगुनाना तथा नई कविताएं सीखना बहुत अच्छा लगता है। गाने सुनने व समझने की कोशिश करने पर बच्चों की Language Skills भी विकसित होती हैं। कुछ बड़े बच्चों में संगीत की मदद से Attention और Memory Power भी बढ़ाई जा सकती है। संगीत तनाव को दूर करता है। कुछ नया सीखने व करने की भावना को बढ़ाता है। मस्तिष्क के विकास में Music की महत्वपूर्ण भूमिका है।

7. खिलौने व खेलकूद-

बच्चों को खिलौने व खेलकूद बहुत पसंद होते हैं। इन खिलौनों और खेलों के माध्यम से भी उन्हें बहुत सी नई चीजें सिखाई जा सकती हैं। बच्चों में नई सोच और कल्पना शक्ति विकसित करने के लिए उन्हें अलग-अलग तरह की बनावट, डिजाइन, प्रकार के खिलौने लाकर दीजिए। ब्लॉक और पेंटिंग मटेरियल से उन्हें अपने मन की रचनाधर्मिता को प्रकट करने कीजिए। दिन में सुबह या शाम को घर से बाहर पार या बाजार जरूर लेकर जाएं। जिससे वह बाहर की चीजों के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सके और आसपास के माहौल से कुछ नया सीख सके। इन सब से उनका दिमाग, शरीर, भावनाएं और सामाजिक ज्ञान सब कुछ बेहतर होगा।

8. पालतू जानवर-

जिन घरों में पालतू पशु रहते हैं, उनके बच्चों का मस्तिष्क भी तेजी से विकसित होता है। बच्चे भावनात्मक रूप से मजबूत बनते हैं। पशुओं के प्रति लगाव व दया भाव प्रकट होता है।हालाँकि, ज्यादा छोटे बच्चे होने पर पालतू पशुओं के साथ सावधानी बरतना भी बहुत आवश्यक है। बच्चे पालतू जानवरों से अपने मन की बातें करना भी पसंद करते हैं।

9. अभिव्यक्ति की आजादी-

अगर आप अपने बच्चों की सोच और समझ को तेजी से विकसित करना चाहते हैं तो उन्हें कुछ मनपसंद, कुछ नया करने की आजादी जरूर दें। हालांकि, इस प्रक्रिया में बच्चे कुछ शरारत भी कर सकते हैं, लेकिन फिर भी पूरी सावधानी बरतते हुए उन्हें मनमर्जी करने का मौका दें। पेंटिंग, मिट्टी- कीचड़ से खेलना, घर की चीजों के साथ नए नए प्रयोग करना, बगीचे में काम करना आदि तरीकों से बच्चों का दिमाग जल्दी विकसित होता है।

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